Jan 08,2024
बांग्लादेश में लोकतंत्र को कुचले जाने और मानवाधिकारों के हनन के आरोपों के बीच इस चुनाव पर दुनियाभर की नज़रें थीं लेकिन भारत के लिए शेख़ हसीना की जीत ख़ास मायने रखती है.
अपने-अपने देशों में मोदी और हसीना ने अर्थव्यवस्था को अच्छी रफ़्तार दी है.
नरेंद्र मोदी की तरह ही शेख़ हसीना की विदेश नीति भी दुनिया की बड़ी ताक़तों के बीच बैलैंस बनाने वाली मानी जाती है.
भारत की मोदी सरकार की विदेश नीति में बांग्लादेश को काफी प्राथमिकता दी जा रही है.भारत और शेख़ हसीना के नेतृत्व वाले बांग्लादेश के मज़बूत संबंधों की बुनियाद का ज़िक्र करते हुए कहते हैं, ”अवामी लीग ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया है. बंगाली राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और समाजवाद बांग्लादेश के बुनियादी मूल्य हैं. भारत के मूल्य हैं- समावेशी राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र.
वहीं इसकी तुलना में 1971 से 1975 और फिर 1996 और 2009 से लेकर 2024 के दौरान अवामी लीग की सरकार में भारत और बांग्लादेश के बीच कई समझौते हुए.