चंडीगढ़ 2 जुलाई, 2025
वैश्विक स्तर की विभिन्न सिख संस्थाओं की नुमायंदगी कर रही ग्लोबल सिख कौंसिल ( जी. एस. सी.) ने श्री अकाल तख़्त साहिब के जत्थेदार के लिए सेवा नियम बनाने सम्बन्धी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा हाल ही में बनाई गई 34 सदस्यीय सलाहकार कमेटी पर गंभीर चिंता प्रकट की है। जत्थेदार साहिबान के लिए योग्यताएं, जिम्मेदारियों, नियुक्ति प्रक्रिया और कार्यकाल सम्बन्धी एक स्पष्ट और पारदर्शी ढांचा स्थापित करने के लिए एसजीपीसी के प्रयासों की सराहना करते हुये कौंसिल ने एसजीपीसी प्रधान हरजिन्दर सिंह धामी द्वारा सिख रहित मर्यादा के सिद्धांत, संकल्प-आधारित परंपराओं और एक व्यक्ति पर सिर्फ़ एक ही पद पर रहते हुये पंथ की सेवा निभाने वाले प्रगटाए सार्वजनिक भरोसे का भी स्वागत किया है।
एसजीपीसी प्रधान को भेजे एक पत्र में कौंसिल की प्रधान लेडी सिंह कंवलजीत कौर ने मौजूदा कमेटी की बनावट पर सख़्त ऐतराज़ जताते हुये कहा कि इस समय कमेटी के बहुत से मैंबर कथित तौर पर पंथ प्रवानित सिख रहित मर्यादा की पालना नहीं कर रहें और मूल सिख सिद्धांतों के उलट कर्म-कांडों को उत्साहित कर रहे हैं। जीएससी ने कहा है कि प्रवानित सिख रहित मर्यादा की पालना न करने वाले या अपने डेरों, बुंगों और ठाठों में ग़ैर- सिख रिवाज़ों को उत्साहित करने वाले व्यक्तियों को इस कमेटी में शामिल करना नियम बनाने सम्बन्धी पूरी प्रक्रिया की पवित्रता और भरोसे योग्यता के बारे गंभीर सवाल खड़े कर सकता है। इसके इलावा, कौंसिल ने निराश जतायी कि विश्वव्यापी सिख भाईचारे के प्रसिद्ध विद्वानों और नुमायंदों को इस महत्वपूर्ण कमेटी से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है। कौंसिल ने ज़ोर देकर कहा है कि ऐसा बरताव न सिर्फ़ खालसा पंथ के एक महत्वपूर्ण हिस्से को दूर करता है बल्कि सामूहिक पंथक सलाह-मशवरे की भावना को भी ठेस पहुंचाता है।
एसजीपीसी प्रधान को लिखे अपने पत्र में ग्लोबल सिख कौंसिल ने माँग की है कि कमेटी का पुनर्गठन किया जाये जिससे उन सदस्यों को बाहर रखा जा सके जो सिख रहित मर्यादा की सख़्ती से पालना नहीं कर रहे हैं। इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि कमेटी के सभी सदस्यों से एक लिखित स्वै-घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करवाए जाएँ जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं की पालना करना, सिख रहित मर्यादा में दृढ़ता भरोसा और पालना समेत खालसा पंथ की गौरवमयी विरासत के प्रति अपनी निजी वचनबद्धता की पुष्टि की जाये।
ग्लोबल सिख कौंसिल ने एसजीपीसी को अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक ज़िम्मेदारी को पूरी पारदर्शिता, पंथक अखंडता और सुहिरदता के साथ निभाने की भी अपील की। इस महत्वपूर्ण पहलकदमी का समर्थन करने की अपनी इच्छा की पुष्टि करते हुये कौंसिल ने एसजीपीसी को एक व्यापक सलाहकारी पहुँच अपनाने की अपील की है जो देशों- विदेशों में बसती समूची सिख कौम की भावनाओं और इच्छाओं की अगुवाई करती हो। जी. एस. सी. ने ज़ोर देकर कहा कि यह पंथ के लिए संकल्प के सिद्धांतों पर पहरा देते हुये एकजुट होने और श्री अकाल तख़्त साहिब के नैतिक अधिकारों को मज़बूत करने का समय है।