नई दिल्ली 19 अगस्त, 2025
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका ने इंग्लैंड के वूल्वरहैम्प्टन में दो सिख बुजुर्गों पर हुए नस्ली हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि हमले के दौरान एक सिख बुजुर्ग की दस्तार उतारी गई, जो केवल सिख धर्म का प्रतीक ही नहीं, बल्कि इसकी मर्यादा से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। यह घटना न केवल निर्दोष बुजुर्गों का अपमान है, बल्कि पूरे सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली है। सरदार कालका ने कहा कि विदेशों में सिख समुदाय अपनी ईमानदारी, मेहनत और योगदान के लिए जाना जाता है, लेकिन यह बेहद अफसोस की बात है कि इसके बावजूद यदि सिखों को नस्लवादी सोच के आधार पर हिंसा का शिकार बनाया जाता है, तो यह किसी भी सभ्य और सांस्कृतिक समाज के लिए शर्मनाक है।
उन्होंने स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से मांग की कि इस हमले में शामिल दोषियों को कानून के अनुसार सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों।
सरदार हरमीत सिंह कालका ने कहा कि नस्लवादी हमले समाज में नफ़रत का ज़हर घोलते हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समझौते, भरोसे और भाईचारे के रिश्तों को कमजोर करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी हमेशा सिख समुदाय के साथ खड़ी है और हिंसक घटनाओं के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करती रहेगी।