नई दिल्ली, 25 जून (ओज़ी न्यूज़ डेस्क): कथित आबकारी घोटाले के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के आदेश पर रोक लगाकर निचली अदालत से अलग रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने निचली अदालत के फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश किए गए सबूतों पर ठीक से विचार करने में विफल रही और निर्णय लेते समय उचित निर्णय केजरीवाल की जमानत याचिका नहीं लिया। न्यायाधीश ने आगे जोर देकर कहा कि ट्रायल कोर्ट को एजेंसी को अपनी दलीलें पेश करने के लिए पर्याप्त अवसर देना चाहिए था। नतीजतन, उच्च न्यायालय ने आदेश के कार्यान्वयन को निलंबित कर दिया है। गौरतलब है कि निचली अदालत ने इससे पहले 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी और उन्हें एक लाख रुपये का निजी मुचलका भरने की जरूरत थी। यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसके निर्माण और निष्पादन के आसपास कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच शुरू करने के बाद 2022 में विचाराधीन आबकारी नीति को समाप्त कर दिया गया था।