चंडीगढ़, 4 अक्टूबर 2025
माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ ने पंजाब मल्टीपर्पज़ हेल्थ वर्करों (महिलाओं) के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पंजाब सरकार को सख़्त निर्देश दिए हैं कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग में 986 नियुक्त नर्सों को छठे वेतन आयोग के अनुसार “समान काम-समान वेतन” के सिद्धांत पर उचित वेतन दिया जाए।
अदालत ने यह भी माना कि इस समय वर्करों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार मिलने वाली तनख्वाह से कम भुगतान किया जा रहा है। इस संबंध में अदालत ने पंजाब सरकार को यह आदेश भी दिया है कि मल्टीपर्पज़ हेल्थ वर्करों (महिलाओं) को परख अवधि (प्रोबेशन पीरियड) के दौरान भी पूरी तनख्वाह सभी भत्तों सहित दी जाए और इस पर अंतिम निर्णय छह माह के भीतर लिया जाए।
इस महत्वपूर्ण जानकारी को 986 मल्टीपर्पज़ हेल्थ वर्कर (फीमेल) रेगुलर यूनियन पंजाब की पदाधिकारी—सूबा प्रधान श्रीमती मुनव्वर जहां (मलेरकोटला), जनरल सचिव श्रीमती मलकियत कौर (संगरूर) और कोषाध्यक्ष श्रीमती ममता रानी (नवांशहर) ने साझा किया।
उन्होंने माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का तहेदिल से धन्यवाद किया और विशेष रूप से श्री जतिंदर सिंह मुंडी, अधिवक्ता का आभार जताया, जिन्होंने 600 से अधिक मल्टीपर्पज़ हेल्थ वर्करों की याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर कर ठोस दलीलों से मामले को मुकाम तक पहुंचाया।
इस फैसले से न केवल सैकड़ों हेल्थ वर्करों को आर्थिक राहत और मनोबल में बढ़ोतरी होगी, बल्कि “महिला हेल्थ वर्करों” के अधिकारों को कानूनी सुरक्षा मिलने से स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है।