पटियाला: क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान,जम्मूअधीनस्त केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसन्धान परिषद्, आयुष मंत्रालय, भारत सरकारमें आज दिनांक 16 सितम्बर 2025 कोहिंदी पखवाड़ा 2025 का भव्य उद्घाटन समारोह संस्थान के कॉन्फ़्रेंस हॉल में बड़े उत्साह, उमंग और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन संस्थान में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार तथा राजभाषा के संवर्धन हेतु समर्पित प्रयासों की दिशा में एक सशक्त पहल के रूप में देखा जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक विधि अनुसार दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इसके पश्चात समारोह का संचालनश्रीमती रेखा राव, सिस्टर इंचार्ज, द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया।`
मुख्य अतिथि एवं अध्यक्षीय संबोधनडॉ. हरबंस सिंह, अनुसंधान अधिकारी एवं संस्थानाध्यक्ष, द्वारा दिया गया। उन्होंने अपने संबोधन में CCRAS के महानिदेशकद्वारा प्रेषित संदेश-पत्र का वाचन करते हुए सभी को अवगत कराया कि परिषद अपने समस्त संस्थानों में हिंदी भाषा के अधिकतम प्रयोग हेतु दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि परिषद का उद्देश्य केवल राजभाषा नियमों का पालन भर नहीं है, बल्कि कार्यालयीन कार्यों से लेकर दैनिक संवाद तक, हिंदी को कार्यसंस्कृति का अभिन्न अंग बनाना है।
डॉ.हरबंस सिंह ने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे न केवल शासकीय कार्यों में हिंदी का प्रयोग बढ़ाएं बल्कि अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में भी हिंदी को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान एवं राष्ट्रीय एकता की सशक्त धुरी है।
इसके उपरांत संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने क्रमवार अपने विचार रखते हुए हिंदी भाषा के महत्व, इसकी व्यापकता तथा इसके संवर्धन की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए। इस क्रम मेंश्रीमती तलत अंजुम, अनुसंधान अधिकारी, ने अपने उद्बोधन में हिंदी को हमारी “राजभाषा” ही नहीं बल्कि “राष्ट्र की आत्मा” बताते हुए इसके अधिकाधिक प्रयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा और राजभाषा का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है और हमें इसे गर्व के साथ अपनाना चाहिए।
इस अवसर परडॉ. आदित्य शाह, अनुसंधान अधिकारी तथाडॉ. ललिता शर्मा, अनुसंधान अधिकारी सहित संस्थान के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे कार्यालयीन कार्यों में हिंदी का अधिकतम प्रयोग सुनिश्चित करेंगे और संस्थान को राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार का एक आदर्श केंद्र बनाएंगे।
समारोह के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रतियोगिताओं में सक्रिय सहभागिता का संकल्प लिया तथा इस आयोजन को सफल बनाने हेतु सभी को शुभकामनाएँ दी गईं।
क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थानजम्मूसमन्वित स्वास्थ्य सेवाओं का एक प्रकाशस्तंभ है, जो पारंपरिकआयुर्वेदपद्धतियों को आधुनिक निदान एवं उपचार सेवाओं के साथ जोड़कर समाज को समग्र स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रहा है। यह संस्थान समुदाय की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विविध प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराता है।
यहाँबाह्य रोगी विभाग (OPD) सेवाओं के माध्यम से विभिन्न रोगों हेतु परामर्श एवं उपचार सुविधाएँ सरलता से उपलब्ध कराई जाती हैं, वहींआंतरिक रोगी विभाग (IPD) में ऐसे रोगियों की देखभाल की जाती है जिन्हें दीर्घकालिक उपचार एवं सतत चिकित्सकीय निगरानी की आवश्यकता होती है।
संस्थान की विशेषतापंचकर्मउपचार पद्धति है — जो शोधन एवं पुनर्जीवन की ऐसी प्रक्रियाएँ हैं जिन्हें आयुर्वेद की मूल आधारशिला माना जाता है। यहाँ प्रत्येक रोगी की स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ बनाकर उनके स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जाता है।
इसके अतिरिक्त, संस्थान मेंक्षारसूत्र OPD भी संचालित है, जहाँ विशेष औषधीय धागों (क्षारसूत्र) के प्रयोग से भगंदर (Fistula) एवं बवासीर (Hemorrhoids) जैसे रोगों का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है।जेरियाट्रिक OPD वृद्धजनों की विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें व्यक्तिगत देखभाल एवं उपचार उपलब्ध कराता है, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
RARI जम्मूकी निदान सेवाएँ भी अत्यंत सुदृढ़ हैं — यहाँ पूर्ण रूप से सुसज्जितपैथोलॉजी प्रयोगशाला, अल्ट्रासाउंड (USG) एवं एक्स-रेसेवाएँ उपलब्ध हैं, जो विभिन्न रोगों के सटीक निदान एवं सतत स्वास्थ्य निगरानी में सहायक होती हैं।
महत्वपूर्ण रूप से, यह संस्थानपरिधीय औषधि सतर्कता केंद्र (Peripheral Pharmacovigilance Centre) के रूप में भी कार्यरत है, जहाँ रोगियों को दी जा रही आयुर्वेदिक औषधियों कीसुरक्षा एवं प्रभावशीलता की निगरानीकी जाती है, जिससे औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके और रोगियों की सुरक्षा बनी रहे।
RARI जम्मूअपनी चारदीवारी से बाहर भी व्यापक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के उद्देश्य से अनेक जन-स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से संलग्न है। इनमें प्रमुख रूप से — Tribal Healthcare Research Project (THCRP) — आदिवासी समुदायों की विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से अनुसंधान एवं हस्तक्षेप कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच एवं स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हो सके। Scheduled Caste Sub Plan (SCSP) — अनुसूचित जाति समुदायों में स्वास्थ्य सेवाएँ एवं पोषण सुधारने हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सामाजिक समानता सुनिश्चित की जा सके। Eklavya Model Residential School (EMRS) परियोजना — आवासीय विद्यालयों के छात्रों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु लक्षित स्वास्थ्य सेवाएँ एवं जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
इन सभी प्रयासों के माध्यम से RARI जम्मूजन-स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान कर रहा है तथा पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली के साथ समन्वित कर एक समग्र स्वास्थ्य मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।